खबर लहरिया मनोरंजन आजादी के सत्तर साल और फिल्मों से झांकता देशप्रेम

आजादी के सत्तर साल और फिल्मों से झांकता देशप्रेम

Gandhi-1982 wwमेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती…मेरे देश की धरती…
फ़िल्म उपकार का यह गीत आपको याद ही होगा। मनोज कुमार की सबसे मशहूर फ़िल्म जिसमें देशभक्ति और देश प्रेम को बड़े ही मनोरंजक तरीके से दिखाया गया है। ऐसी है कई फिल्में हैं जो हमें आज़ादी के दिन याद आती हैं। जिन्हें देख कर हम देश के प्रति अपने प्रेम भाव को व्यक्त करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
15 अगस्त हर भारतीय के लिए आज़ादी का दिन है। इस दिन हम अपने देश को और उस पर अपने प्राण निछावर करने वाले जाबांज देशभक्तों को याद करते हैं। देशभक्ति को हमारे दिलों में जगह देने का सबसे बड़ा काम हमारी फिल्मों ने किया है। फिल्मों ने समय-समय पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और उससे जुड़ी किसी घटना अथवा आज़ादी से जुड़े किसी महत्वपूर्ण संदेश को फिल्म का विषय बनाकर पर्दे पर पेश करते आ रहे हैं।
हम इस साल आज़ादी के सत्तर साल पूरे करने जा रहे हैं। इस मौके पर खबर लहरिया ने अपनी महिला पाठकों से देशभक्ति और देश प्रेम पर बनने वाली फिल्मों और अपनी पसंदीदा देशभक्ति वाली फ़िल्म के बारे में बातचीत की।
आइये जानते हैं ऐसी फिल्मों के बारे में जो हमारे पाठकों के मन में देश और मातृभूमि के लिए दबे प्यार को फ़िल्म के जरिये उभार देती है।
प्रियंका के अनुसार, ‘1982 में बनी गांधी फ़िल्म देशभक्ति की भावना को जगाने वाली उनकी पसंदीदा फ़िल्म है। फिल्म में जिस तरह से महात्मा गांधी के जीवन के संघर्ष और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं को पेश किया गया है, वह अद्भुत है। इस फ़िल्म को देखने के बाद मैं महात्मा गांधी से और ज्यादा प्रभावित हो गयी। आज़ादी की लड़ाई और उसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को समझने के लिए यह फिल्म हर व्यक्ति को देखनी चाहिये’।
border-movie wwसंजना को 1997 में रिलीज़ हुई फिल्म बॉर्डर बेहद पसंद है। इस फ़िल्म को देखते हुए वो कई बार रोई भी। फ़िल्म का बेहद चर्चित गीत “संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं” आज भी उन सिपाहियों के दर्द को बयां करता है, जिन्होंने युद्ध के दौरान अपनी जान दे दी थी। यह फ़िल्म भारत-पाकिस्तान युद्ध पर बनी सच्ची घटनाओं से प्रेरित थी इसलिए भी यह फ़िल्म मेरे दिल के करीब है क्योंकि इसने मुझे देशभक्ति का सही चेहरा दिखाया है।
Swades-16704_7539 wwरिजवाना शाहरुख खान की बड़ी प्रशंसक हैं और इसलिए भी उन्हें 2004 स्वदेस फ़िल्म पसंद है। वो बताती हैं कि फ़िल्म में अमेरिका में रह रहा एक कामयाब भारतीय वैज्ञानिक कैसे वापस अपनी मिट्टी से जुड़ता है और अपने गांव वापस आता है, इसे बहुत अच्छे से दिखाया गया है। इस फ़िल्म को देख कर रिज़वाना अपने घर को याद करने लगती है।
maxresdefault (1) wwपुरानी फिल्में पसंद करने वाली लक्ष्मी को दिलीप कुमार, नूतन, अनिल कपूर, जैकी श्रोफ़ जैसे बड़े फिल्मी सितारों से सजी ‘कर्मा’ बेहद पसंद है। इस फ़िल्म का चर्चित गीत ‘हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए’ लोगों की जुबान पर आज भी रहता है। लक्ष्मी कहती हैं कि कर्मा देख कर मैं आज भी देशभक्ति से भर जाती हूँ। आज भी टीवी पर जब भी यह फ़िल्म आती है तो मैं जरुर देखती हूँ।
मनोरंजन और देशभक्ति का संगम हमेशा से लोगों के दिलों पर राज करता रहा है शायद इसलिए आज भी जब भी देशभक्ति की फिल्में बनाई जाती हैं तो उसमें कुछ ऐसे ही भाव प्रस्तुत किये जाते हैं कि लोग उससे भावनात्मक रूप से जुड़ सकें।
तो इस बार कौनसी फ़िल्म देख कर आज़ादी का जश्न मना रहे हैं आप ?