जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, क़स्बा कर्वी देश तौ आज़ाद हवै,पै औरतै आज भी आज़ाद नहीं आय। कुछ यहिनतान कहत हवै वनांगना संस्था के कार्यकर्ता धोखिया। वहिकर कहब हवै कि भारत देश का आजाद होय पूर सत्तर साल होइगे हवै। मैं संस्था मा काम करत हौं। यहिके बादौ अबै मैं अपने मर्जी से घर मा कउनौ काम नहीं कइ सकत हौं। अगर ज्यादा कहत हौं तौ मड़ई मोरे ऊपर अंगूली उठावत हवै अउर कइयौतान के बातै करै का तैयार रहत हवै।
कर्वी नगरपालिका अध्यक्ष नीलम करवरिया का कहब हवै कि औरतै आज भी स्वतन्त्र नहीं आय। काहे से कि बहू अउर लड़की अपने मन का नहीं कइ पावत हवैं। दूसर बात जउन औरतै बाहर निकर के काम करत हवै। उनका भी समाज के मड़ई बातै करत रहत हवै। ऊपर से हरतान के लांछन लगावत हवैं। हमार देश मा पुरान विचार धारा अबै भी बनी हवै। जबै तक पुरान विचार धारा ना खतम होइ तबै तक औरतन का आजादी नही मिल सकत हवै। काहे से कि मै या बात का खुदै झेलत हौं। सामजिक कार्यकर्ता अनुसुइया कहिस कि मैं आज खुद आजाद नही आहूं। अगर आपन मरज़ी से कुछ कइ सकौ तौ आजाद हौं। हम औरतन से यहै कहा जात हवै कि इनतान नही, इनतान बोला जात हवै। बस थोइ फ़ेर बदलाव भा हवै नही तौ सबै वहिनतान हवै। देवरति का कहब हवै कि औरतन का बात बात मा मना कीन जात हवै कि हिंया ना जाव हुंवा जाव।
रिपोर्टर- नाजनी रिज़वी
09/08/2016 को प्रकाशित