जिला रामपुर। उत्तर प्रदेश सरकार में शहरी, विकास मंत्री आजम खान की खोई भैसों को पांच पुलिस टीमों ने रातभर में खोज निकाला। रामपुर स्थित फार्म हाउस से 1 फरवरी को सात भैसें खोईं थीं। पुलिस की चुस्ती कहें या मंत्रियों का डर, लेकिन रातभर खोजी कुत्तों के साथ पुलिस की पांच टीमों ने आसपास की सभी डेयरियों, घरों में, भैसों के चट्टों में छापेमारी करके दूसरे दिन इन्हें खोजने में सफल रही। भाजपा ने सवाल उठाया है कि आखिर दूसरे मामलों पर पुलिस इतनी चुस्त क्यों नहीं होती?
इस बीच एक चैकी इंचार्ज और दो सिपाहियों को इस मामले में ढीलाई बरतने के आरोप के साथ बर्खास्त भी कर दिया गया। जब इस बारे में सवाल उठाए गए तो समाजवादी पार्टी में राज्य मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बचाव करते हुए कहा कि ‘हम सत्ता में है, हमें पता है कि किसे बर्खास्त करना है किसे नहीं।’ भैंसों को खोजने के आॅपरेशन में रामपुर की एस.पी. साधना गोस्वामी, ए.एस.पी. देवेश पांडेय और डी.एस.पी. अलेय हसन के साथ छह पुलिस स्टेशनों के पुलिस वालों के पांच दस्ते तैयार किए गए थे।
उठ रहे हैं सवाल
यहां यह भी याद दिलाना ज़रूरी है कि मुजफ्फरनगर कें दंगों के कुछेक आरोपियों को छोड़कर अभी ज्यादातर पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। दंगे हुए करीब पांच महीने हो गए हैं। सवाल यह भी उठता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस एक रात में खोजी कुत्तों के साथ जब भैंसे इतनी मुस्तैदी से ढूंढ़ सकती है तो दंगों के आरोपियों को क्यों नहीं?