लोक सभा चुनाव जेतना नाजदीक आवत हैं चुनाव लडैं वाले उम्मीदवार वतनै जोर-शोर से वोट बटोरैं मा खुले आम प्रचार-प्रसार करत हैं। कइयौ गांवन मा तौ भाजपा के उम्मीदवार शाम के समय टी.वी. मा आपन पार्टी का प्रचार करै मा लाग हैं। चुनाव आयोग एक कइत तौ आचार संहिता कानून का लागू कइके प्रचार-प्रसार करैं पोस्टर लगावैं अउर दिवाल लेखन करैं मा रोक लगावत है, पै पार्टी वाले कानून के धज्जी उड़ावै मा कउनौ पार्टी कम निहाय।
दूर दराज के गांवन मा देखा जाय तौ आज भी दीवाल लेखन मा बड़े बड़े चुनाव चिन्ह बने है। जइसे अतर्रा कस्बा के नरैनी रोड मा समाजवादी पार्टी का झंडा लहरात रहै। चित्रकूट के कर्वी कस्ब मा बहुजन समाजवादी पार्टी के झंडा लहरात हैं। बड़े-बड़े चुनाव चिन्ह दिवालन मा छपे हैं। आम जनता से अलग अलग बातें सुनैं का मिलत है।
का प्रचार-प्रसार आचार संहिता के खिलाफ निहाय? इ सब चीजन मा साफ झलकत है कि चुनाव आयेग के नजर केतनी कड़ी अउर केतनी ढील दिखाई परत है। उम्मीदवार वोटन के मांग खातिर दूर दराज अउर पहाड़ी इलाकन के गांव जाय का अब नहीं डेरात आय। दिन रात मड़इन का खाब पियब अउर सोवब हराम करे हैं। अब सवाल या उठत है कि चुनाव का चुनाव के नजरिया से काहे नहीं देखा जात आय। अगर चुनाव का चुनाव के नजरिया से देखैं अउर आम जनता से कीन गे वादा नेता मंत्री पूर करैं तौ सायद आम जनता का हित होइ सकत है।
आचार संहिता का उल्लंघन करै नेता
पिछला लेख