जि़ला लखनऊ, थाना आशियाना, कस्बा औरंगाबाद जागीर। यहां 20 अक्टूबर को सुबह लगभग दस बजे अचानक आग लग गई जिसमें लगभग तीस झोपडि़यां जल गईं।
अब्दुल रहमान और सुमेर अली ने बताया कि हम लगभग ग्यारह साल पहले आसाम से लखनऊ आए। अभी तीन साल से औरंगाबाद में रह रहे हैं। तब से कहीं-कहीं रह के कुड़ा बीनने और लोगों के घरों में झाड़ू लगाने का काम करते हैं। औरतें चैका बरतन का काम करती हैं, बच्चे भी कूड़ा बीनते हैं। घर का सारा सामान जल गया यहां तक कि खाने को भी कुछ नहीं बचा है। बरसों की कमाई से जो कपडे़ या जे़वर बनाए थे वे सब जल गए। किसी तरह लोगों की जान बच पाई।