एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, देश में जनवरी-2018 की स्थिति में 18-19 साल आयुवर्ग के महज 30 फ़ीसदी मतदाता ही पंजीकृत हो पाए हैं। जबकि उनकी आबादी 4.85 करोड़ के आसपास है।
यही नहीं कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इस उम्र के मतदाताओं के पंजीकरण की दर और कम है। जबकि इन सभी राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। बता दें कि अख़बार ने सूचना के अधिकार के तहत ये आंकड़े हासिल किए हैं।
इन आंकड़ों के हिसाब से अगर मौज़ूदा मतदाता सूचियों के आधार पर ही चुनाव होते हैं तो 4.85 करोड़ युवा मतदाताओं (जो पहली बार वोट करेंगे) में लगभग 3.42 करोड़ मतदाता वोट नहीं डाल पाएंगे। यानी लगभग 70.51 फ़ीसदी के आसपास। क्योंकि उनके नाम मतदाता सूचियों में हैं ही नहीं।
जबकि वे वोट डालने के पात्र हो चुके हैं। इस तरह के अभी सिर्फ़ 29.49 प्रतिशत या 1.43 करोड़ मतदाता ही पंजीकृत हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, जनवरी 2018 की स्थिति में देश की अनुमानित आबादी 137.63 करोड़ के आसपास थी। इनमें से 87.75 करोड़ लोग वोट देने के पात्र हैं।
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