बांदा शहर के हरदौली कांशी राम कालोनी मा बीस हैण्डपम्प अउर एक टंकी है, पै होंआ का मड़ई पानी के समस्या से परेशान है। बांदा जल निगम सोलहवीं शाखा अउर जल संस्थान या समस्या सुधारैं खातिर एक दूसरे का जिम्मेदार बता के आपन जिम्मदारी से पल्ला झाड़ लेत है।
कांशीराम कालोनी सन् 2009 मा बनी रहै। हेंया नौ सौ चालिस कालोनी हैं जेहिमा से दुई सौ चालिस कालोनी मा विकलांग मड़ई रहत हैं। सोचै वाली बात है कि इं विकलांग मड़ई पानी के व्यवस्था केतना परेशानी से करत होइहैं। टंकी अउर बीस हैण्डपम्प कालोनी-कालोनी पानी पहंचावै खातिर नहीं, शोभा बढ़ावैं खातिर बने हैं। टंकी का सप्लाई वाला पाइप जघा-जघा फाट है। यहिसे मडइ़न का पियैं का पानी मिलै या नहीं, पै घर तौ आराम से भर जात हैं। करोड़न रूपिया के लागत से बनी से बनी या कालोनी मा अव्यवस्था जिम्मेदार विभाग के पोल खोलत है। अगर जिम्मेदारी के बात कीन जात तौ पानी खातिर जल निगम अउर जल संस्थान नहीं मानैं कि उंई दूनौ मा कउनौ एक जिम्मदार है। यहिनतान नगर पालिका कहत है कि कालोनी के दिक्कत खातिर एस.डी.एम. जानैं अउर एस.डी.एम कहत है कि नगर पालिका का क्षेत्र आय। या मारे नगर पालिका पूरी तान से होंआ के कउनौ भी समस्या का सुधारैं का जिम्मेदार है। कालोनी के मड़ई कइयौ दरकी तहसील दिवस मा दरखास दिहिन कि उनके समस्या सुनी जाय। सवाल या उठत है कि आखिर इनके समस्या के जवाबदेही कउन विभाग के है? कबै तक इं मड़ई समस्या सुनी जाय के आसरा मा रइहैं। या सवाल का जवाब भला कउनौ विभाग के पास है? सरकार व्यवस्था बनाये राखैं खातिर जेतने विभाग बनाइस है शायद वतनैं भाग दउड़ आम जनता करैं का परत है। कतौ न कतौ इं अधिकारी आम जनता के जानकारी का गलत फायदा उठावत हैं।
आखिर कहिके है जवाबदेही
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