जिला बांदा। बांदा के नरैनी क्षेत्र में पिछले करीब नौ महीनों से आतंक मचा रहा डाकू संग्राम सिंह 2 दिसंबर को गिरफ्तार हो गया है। पुलिस का दावा है कि उन्होंने मुठभेड़ के दौरान उसे पकड़ा है। लेकिन गांव के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने उसे पकड़वाया है तो कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि उसने आत्मसमर्पण किया है।
नरैनी कोतवाली में संग्राम सिंह के खिलाफ क्रिमिनल एक्ट, गुण्डा एक्ट, गैंगस्टर, आग लगाना, मारपीट, डकैती, लूटपाट और चोरी के बारह मुकदमा दर्ज हैं। डी.आई.जी. बी.आर. मीणा ने कहा कि संग्राम सिंह का मोबाइल पर नज़र रखकर उसे पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि अभी इसे क्या सजा मिलेगी तय नहीं है।
उत्तर प्रदेश से पहले यह मध्यप्रदेश में डकैत था। वहां की पुलिस को भी इसकी तलाश है। इसलिए जब तक मध्यप्रदेश की पुलिस नहीं आ जाती तब तक यह हमारी जेल में रहेगा। वहां की पुलिस आने के बाद फैसला कोर्ट में होगा।
आम आदमी से डाकू बनने की कहानी- डाकू संग्राम सिंह की कहानी किसी फिल्म जैसी लगती है। उसने बताया कि मेरे गांव का बदमाश दिनेश शिवहरे मेरी बहन के साथ छेड़खानी करता था। किसी की हिम्मत उसे मना करने की नहीं थी। मैंने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। कई बार एस.पी. और डी.आई.जी तक गया, लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हुई। उलटा मुझे फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल में बंद कर दिया। तब मैंने बदला लेने की ठानी और डाकू बन गया। मैंने उस समय के चर्चित डाकू ठोकिया से मुलाकात की। उसने मुझे हथियार दिए। अपने साथ अपने भाई राजाबाबू को भी शामिल कर लिया।