जिला वाराणसी। बनारस में आय दिन कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ लेके धरना होल करला। कभी महंगाईं के लेके त कभी बिजली के लेके। कभी लोग सड़क बनवावे खातिर धरना देहियन त कभी कुछ खातिर के।
अभहीं कूछ दिन पहिले के बात हव कि रेल किराया बढ़ल रहल त ओकरे खातिर धरना प्रदर्शन होत रहल। अभहीं फिर शिक्षक लोग वेतन पेंशन के लेके धरना देत हयन। सरकार त चुनाव के आगे पीछे खूब वादा करला। लेकिन उ वादा केतना पूरा होला इ बात सरकार भी जानला आउर जनता भी। जब सरकार से वादा नाहीं पूरा कर पावला त अइिसन वादा काहें करला। जनता भी आसरा देखे लगला। जमीनी स्तर पर सरकार जवन तरह जनता से वादा कइले हव कि महंगाई दूर होई एक भी वादा पूरा नाहीं होत हव। इ सब से परेशान होके जतना धरना प्रदर्शन ना करी त करी का। जब सरकार जनता से वादा करला आउर उ पूरा भी नाहीं हो पावला त जनता बौखला के धरना पर बइठ जाला। प्रशासन भी खाली आश्वासन देत रह जाला। जब से चुनाव बीतल हव तब से कुछ ना कुछ के लेके बनारस में धरना होल करत हव। या तो उ मंहगाई के लेके होवे या रेल के लेके या बिजली के लेके।