जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं धरसौना। इहां के आंगनवाणी आशा के कहब हव कि आंगनवाणी केन्द्र के दीवार टूटल हव। हर समय डर बनल रहला कि कहीं गिर ना जाए। एही डर के मारे हम पैतिंस बच्चा के बहरे बइठा के पढ़ाइला।
आंगनवाणी आशा के कबह हव कि छह महीना से इ समस्या के सामना करत हई। आंगनवाणी केन्द्रके दीवार टूटल हव। कउनों भरोसा नाहीं हव कब तक टिकल रही। चाहे जब गिर सकला। कई बार सी. डी. पी. ओ. से कहली लेकिन कउनों सुनवाई नाहीं भयल। बच्चन के पोषाहार भी घरे रख्खल जाला। डर लगल कि अगर गिर जाई त ओही में रह जाई। अगर अलग से आगंनवाणी केन्द्र बन जात त बच्चन के पढ़े से लेके खाए पीए तक के दिक्कत दूर हो जात।
इ सब समस्या के बारे में सी. डी. पी. ओ. कुसुम तराय के कहब हव कि अभहीं तक जानकारी नाहीं रहल हे। अब पता चल गएल त जूनियर स्कूल में केन्द्र खेलवा दिहल जाई। या तो किराए के मकान में खोलवा दिहल जाई।
आंगनवाणी केन्द्र की दीवार टूटी
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