सरकार गर्भवती मेहरियन खातिर केते सुविधा देत हवैं। पै का मेहरियन का यहिकर सुविधा मिल पावत हवैं। या पता लागत हवै अस्पताल के हालत देख के। जहां मेहरियन का समय से इलाज नहीं होत हवैं। इलाज खातिर उनसे रुपिया मांगा जात हवैं। रुपिया न दे मा गर्भवती मेहरियन का बाहर निकाल दीन जात हवैं। जेहिके कतो खुले मा तौ कतो बाथरूम मा बच्चा पैदा होइ जात हवैं। आखिर को हवैं इं हालत का जिम्मेदार?
शासन प्रशासन या देख के अउर सुन के आंखी मूंदे बइठ रहत हवैं। इनतान के घटना के जिम्मेदार नर्स अउर डाक्टर के ऊपर कउनौ कठोर कारवाही नही कीन जात हवैं। जेहिसे आय दिन नर्स अउर डाक्टर के हौसला बढ़त हवैं। यहिनतान के घटना हमें आये दिन देखे का मिलत हवैं।
सरकार का चाही कि इनतान के घटना मा अउर कठोर कारवाही करें। जेहिसे दुबारा इनतान के शर्मनाक घटना न होय ।
आंखी मूंदे बइठ शासन प्रशासन
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