जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव सुरहा। ई गांव में सात साल पेहले पशु अस्पताल बनो हतो। जोन बिना डाक्टर के गांव की सोभा ओर सरकार को नाम बढ़ाउत हे। जीसे गांव के आदमियन खा अपने जानवरन से हाथ धोने परत हे।
गांव के लल्लू, महेन्द्र, दिब्बू, योगेन्द्र ओर सियारानी ने बताओ कि एते नाम भर खे पशु अस्पताल बनो हे, पे जानवर बिमार होय से डाक्टर खे बाहर से बुलाने परत हे। जीसे ऊ बोहतई रूपइया लेत हे। राधारानी ने बताओ कि मोई भैंस ड़ेढ महीना पेहले बीमार हती तो डाक्टर खा बुलाओ तो ऊने एक इन्जेक्शन के दो सौ ओर दवाई के तीन सौ रूपइया ले लए हते। एक हफ्ता तक ऊखो इलाज चलो ओर फिर ऊ भैंस मर गई। जीसे मोओ लगभग पचास हजार रूपइया को नुक्सान भओ हे, जीसे मोए बोहतई दुख भओ हतो। हमाए गांव में सात साल हों गए पशु अस्पताल बने पे गांव में कभऊ डाक्टर नई आउत आय। ई अस्पताल में आस पास के गांव बघारी ओर ग्योड़ी से आदमी जानवरन खा लेके आउत हे, पे ताला देख के वापस लौट जात हे।
पशु पालन विभाग के अधिकारी सादिक अली ने बताओ कि महोबा में छह एसे पशु अस्पताल हे। जीमें डाक्टारन की भर्ती नइयां। जभे शासन से आदेश आहे तो ओते भी डाक्टर को भेजो जेहे।
अस्पताल होय के बाद परेशान लोग
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