जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव बिलगांव। हेंया दस साल पहिले बना मातृ एवं षिषु परिवार कल्याण उपकेन्द्र मा बहुतै अव्यवस्था है अउर ए.एन.एम. के लापरवाही से अस्पताल नहीं खुलत आय। अस्पताल मा आवैं वाली औरतैं डिलेवरी बांदा के जिला अस्पताल मा करावैं का मजबूर हैं।
गांव के वंदना का कहत है कि वहिके 3 फरवरी 2015 का बच्चा भा। गांव का अस्पताल खुला न रहैं के कारण बांदा जिला अस्पताल गई रहौं। आषा भूरी देवी का कहब है कि होंआ डिलेवरी के व्यवस्था नींक न होय से मैं बांदा डिलेवरी केस लइके केस लई जात हौं। 2007 से अब तक मा एकौ डिलेवरी हेंया नहीं भई आय। 3 फरवरी 2015 का गंगाराम के औरत वंदना का लइके गई रहौं। 1 अपै्रल का बुद्धवार के दिन ए.एन.एम. कुसमा निगम भी नहीं आई। मोहिका कहिस रहै कि वा दिन टीकाकरण करैं का दिन है तौ अस्पताल मा मिले। मैं दिन भर इंतजार करेंव, पै वा नहीं आई।
मातृ एवं षिषु परिवार कल्याण उपकेन्द्र डिलेवरी प्वाइंट घोषित जरूर है, पै अस्पताल के हालत देखके नहीं लागत कि होंआ कतौ भी डिलेवरी भई होइहैं। अस्पताल के आस-पास वालेन का अस्पताल मा कब्जा है। ए.एन.एम. के कमरा भर का ताला बंद है बांकी खुला है। डिलेवरी वाले कमरा मा एक बेड़ है जउन टूट है। खिड़की टूटी हैं। दूनौ षौचालय गंदे पड़े हैं। अस्पताल के हैण्डपम्प मा गांव वालेन का निस्तार है। स्वास्थ्य विभाग हेंया जांच करै तौ कतौ भी नहीं आवत।
ए.एन.एम. कुसमा निगम कहिन कि उंई हर षनिवार अउर बुद्धवार का अस्पताल खोलत हैं। मड़ई डिलेवरी सीधे बांदा लई जात है।
सी.एम.ओ. कैप्टन डाक्टर आर.के. सिंह कहत हैं कि जांच कराके कारवाही कीन जा सकत है।
अव्यवस्था मा फंसा डिलेवरी प्वांइट अस्पताल
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