लखनऊ बाराबंकी। बाराबंकी जिले में गोमती नदी किनारे 7 सितंबर को राम मनोरथ वर्मा नाम के एक व्यक्ति की लाश मिली है। 5 सितंबर को बारबंकी में किसान राममनोरथ की खनन माफियाओ नें पीट पीटकर हत्या कर दी और उसकी लाश को गोमती में फेंक दी थी।
पुलिस अभी तक दोषी का पता नहीं लगा पाई है। स्थानीय लोगों के अनुसार गुरुवार को राम मनोरथ अपने खेत में था, तभी कुछ लोगों ने खेत से लगी गोमती नदी में बालू का खनन करने के लिए उस पर दबाव बनाया। राम मनोरथ ने मना कर दिया। उस पर लगातार खनन माफियायों द्वारा बालू खनन करने का दबाव डाला जा रहा था। खनन करने वालों में राजेंद्र यादव, गोमती यादव, गुड्डू वर्मा, श्रवण समेत कुछ लोग थे। स्थानीय लोगों के अनुसार इनका संबंध समाजवादी पार्टी के नेता नंद किशोर यादव से है। मामला इतना बढ़ा की राम मनोरथ की हत्या करके उन्हें गोमती नदीं में फेंक दिया गया। बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक सुरेश राव कुलकर्णी ने बताया कि दोषियों को पुलिस खोज रही है। डीएम ने आरोपियों के घर के सभी 7 हथियारों के लाइसेंस रद्द करने के आदेश दिये हैं। राममनोरथ वर्मा के समर्थकों ने गोसाईगंज में दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया। यह मामला सरकार के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में नोएडा की आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल को यह कहते हुए निलंबित कर दिया गया था कि वो इलाके का सांप्रदायिक सामांजस्य बिगाड़ रही हैं। उनके मामले में भी उन्होंने विशेष समुदाय के एक व्यक्ति के ऊपर अवैध खनन करने पर कार्रवाई की थी। दुर्गानागपाल के मामले में विरोध झेल रही उत्तर प्रदेश सरकार के सामने अवैध खनन का यह दूसरा मामला सामने आ गया है। इसमें भी धरना प्रदर्शन लगातार जारी हैं।
राज्य सरकार के नए आदेश से मचा बवाल
राम मनोरथ की गलती इतनी थी कि उसने अपने खेत से बालू निकालनें से मना कर दिया था। अखिलेश सरकार ने बालू के खनन के लिये एक नई नीति लागू की है। इसके अनुसार नदी किनारे अपने खेतों में पड़े बालू को किसान निकालकर बेच सकते हैं। लेकिन इस शासनादेश के लागू होते ही खनन माफियाओ नें गरीब किसानों पर खनन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
अवैध खनन का विरोध करने पर हत्या
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