आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम राज्य। 30 जुलाई को केंद्र सरकार के नए राज्य तेलंगाना को मंज़ूरी देने के बाद से देश के अलग-अलग इलाकों में हिंसा छिड़ गई है। असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनाने की मांगों ने तेज़ी पकड़ी है।
आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र को राज्य का दर्जा मिला। अब पश्चिम बंगाल में जाति और भाषा के आधार पर अलग गोरखालैंड की मांग हो रही है। डारजीलिंग शहर में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पार्टी का बंद 3 अगस्त से चल रहा है। 7 अगस्त को बत्तीस लोगों को गिरफ्तार किया गया।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल पार्टी ने बहतर व्यवस्था के लिए इस बड़े राज्य को काटकर हरित प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वान्चल राज्यों की मांग की है। इससे पहले चार राज्य बनाने की बात पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रखी थी।
असम में बोडो जाति संस्कृति और भाषा के आधार पर सालों से बोडोलैंड की मांग कर रहे हैं। मांग करने वालों ने कोकराझार जिले में 2 अगस्त को बारह घंटे तक रेलवे लाइन पर चक्का जाम किया। यहां के करबी ऐंगलौंग जिले में भी कई सरकारी दफ्तरों को आग लगा दी गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार अगर देश में अलग राज्य की मांगों को मान लिया जाए तो भारत में लगभग पचास राज्य होंगे। इस समय भारत में तेलंगाना को मिलाकर उन्तीस राज्य हैं।
अलग राज्यों की मांगें बढ़ीं
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