जिला अम्बेडकरनगर, ब्लाक कटेहरी, गांव व प्रतापपुर चर्मुखा। 2015 मा उत्तर-प्रदेश सरकार अम्बेडकरनगर जिला का सूखा घोषित करिन। 2014 से 2015 के बीच पूरा जिला मा चालिस प्रतिशत से कम बरसात दर्ज कीन गै बाय। जलस्तर नीचे चला जाए से सरकारी नल अउर सरकारी टयूबवेल सब खेत खलिहान भी सूखा पड़ा बाय।
चर्मुखा गांव कै कृष्ण सिंह बताइन कि पानी कै जलस्तर नीचे चला जाए से नलका पानी दियब बन्द कै दिहे बाय। इंजन, ट्यूबवेल पानी नाय उठावत जेसे खेती नाय कै मिलत बाय।
मंजू कै कहब बाय कि पांच-महीना से पूरे दलित बस्ती मा पानी कै समस्या बनीं बाय। तालाब के किनारे एक नलका बाय वही से करीब सत्तर घर कै मनई पानी पियाथिन। अउर सारा नलका जबाव दै देहे अहै।
परम कै कहब बाय कि 2013 से सूखा परा बाय। यहिं पूरी ग्रामसभा मा एक सरकारी ट्यूबवेल बाय जवन कभौं चलाथै कभौं बन्द रहाथै। नहर कै सुविधा हुवत तौ थोड़ा राहत मिलत।
प्रधान पति प्रभात सिंह बताइन कि पूरी ग्रामसभा मा एक सौ छिहत्तर नलका लाग बाय। जेहमा से कइयौ नलका बनुवावै कै काम कीन गै बाय। सरकार के तरफ से तालाब भरूवावै कै कउनौ नियम नाय बाय। लकिन हम अपने तरफ से पूरी कोशिश करे हई। तालाब सूखा नाय बाय।
जलनिगम विभाग कै अधिशाषी अभियंता कमलेश कुमार बताइन कि वाटर लेबल नीचे चला जाए के कारण पानी कै दिक्कत बाय। खन्ती तालाब सब भरवाय दीनगै बाय। जेसे जानवरन का पानी कै दिक्कत न हुवय। रही नया नलकूप लगुवावै कै बात तौ पूरा उत्तर-प्रदेश के ताई दुई हजार नलकूप लगुवावै कै परियोजना बीं बाय लकिन अबहीं जनपद का आवंटन नाय भै बाय। स्वीकृति मिलै कै बाद लगुवाय जाये।
चर्मुखा गांव कै कृष्ण सिंह बताइन कि पानी कै जलस्तर नीचे चला जाए से नलका पानी दियब बन्द कै दिहे बाय। इंजन, ट्यूबवेल पानी नाय उठावत जेसे खेती नाय कै मिलत बाय।
मंजू कै कहब बाय कि पांच-महीना से पूरे दलित बस्ती मा पानी कै समस्या बनीं बाय। तालाब के किनारे एक नलका बाय वही से करीब सत्तर घर कै मनई पानी पियाथिन। अउर सारा नलका जबाव दै देहे अहै।
परम कै कहब बाय कि 2013 से सूखा परा बाय। यहिं पूरी ग्रामसभा मा एक सरकारी ट्यूबवेल बाय जवन कभौं चलाथै कभौं बन्द रहाथै। नहर कै सुविधा हुवत तौ थोड़ा राहत मिलत।
प्रधान पति प्रभात सिंह बताइन कि पूरी ग्रामसभा मा एक सौ छिहत्तर नलका लाग बाय। जेहमा से कइयौ नलका बनुवावै कै काम कीन गै बाय। सरकार के तरफ से तालाब भरूवावै कै कउनौ नियम नाय बाय। लकिन हम अपने तरफ से पूरी कोशिश करे हई। तालाब सूखा नाय बाय।
जलनिगम विभाग कै अधिशाषी अभियंता कमलेश कुमार बताइन कि वाटर लेबल नीचे चला जाए के कारण पानी कै दिक्कत बाय। खन्ती तालाब सब भरवाय दीनगै बाय। जेसे जानवरन का पानी कै दिक्कत न हुवय। रही नया नलकूप लगुवावै कै बात तौ पूरा उत्तर-प्रदेश के ताई दुई हजार नलकूप लगुवावै कै परियोजना बीं बाय लकिन अबहीं जनपद का आवंटन नाय भै बाय। स्वीकृति मिलै कै बाद लगुवाय जाये।
02/07/2016 को प्रकाशित
अम्बेडकर नगर के चमुरखा गांव में पानी का संकट
क्या बरसात से मिलेगी लोगों को राहत?