मिसौरी, अमेरिका। अमेरिका में पुलिस की ताबडतोड़ गोलीबारी से मरे एक अश्वेत व्यक्ति की मौत ने दंगे का रूप ले लिया है। अमेरिका के मिसौरी राज्य के एक शहर में 9 अगस्त को माइकल ब्राउन नाम के 18 साल के अश्वेत लड़के की पुलिस की गोली से मौत हो गई।
पुलिस का कहना है कि लड़का एक दुकान में घुसकर वहां से सिगार (सिगरेट के जैसी एक चीज़) ले जा रहा था, जिस पर दुकानदार और उसमें झड़प हो गई। दुकानदार के बुलाने पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने थोड़ी कहासुनी के बाद उस पर गोलियां चला दीं। अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर के पूर्व प्रमुख चिकित्सा परीक्षक माइकल बाडेन ने जांच के बाद बताया कि लड़के को छह गोलियां मारी गईं हैं। अमेरिका की केंद्रीय जांच एजेंसी एफ.बी.आई. और अमेरिकी न्याय विभाग ने जांच शुरू कर दी है। यहां के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लोगों से शांति बनाए रखने की मांग की है। बराक ओबामा खुद भी अश्वेत समुदाय से हैं।
गुस्साए लोग कर रहे हैं प्रदर्शन
लोग सवाल उठा रहे हैं कि सिगार की चोरी क्या इतना बड़ा अपराध है जिसके लिए किसी की हत्या की जाए? यहां के अश्वेत समुदाय का आरोप है कि ब्राउन को नस्लीय भेदभाव के कारण गोली मारी गई। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें जारी हैं। हालांकि ब्राउन को गोली मारने वाले पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
अमेरिका में नस्लीय भेदभाव
अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति की मौत का यह पहला मामला नहीं है। यहां के मानवाधिकार कार्यकर्ता इसकी तुलना 2012 में फ्लोरिडा राज्य में ‘नेबरहुड वॉच आॅर्गेनाइज़र’ द्वारा 17 साल के लड़के ट्रेवन मार्टिन की हत्या से कर रहे हैं। मिसौरी प्रांत में मेयर एक श्वेत व्यक्ति है जबकि यहां पर 67 प्रतिशत अश्वेत आबादी है। पुलिस और उच्च पदों पर बैठे लोग भी श्वेत हैं।
क्या है नस्लभेद?
किसी खास रंग रूप वाले व्यक्तियों के समुदाय के साथ अन्य खास रंग रूप वाले समुदाय द्वारा किया जाना वाला भेदभाव ही नस्लभेद है। अश्वेत व्यक्ति मूल रूप से अफ्रीकी देशों में रहने वाले हैं, इनके काले रंग के कारण इनके साथ भेदभाव होता है। इन पर शारीरिक और मानसिक हिंसा की जाती है।