देश में बारह प्रतिशत यानी पैंतिस करोड़ महिलाएं सेनेटरी पैड का प्रयोग करती हैं, किन्तु अट्ठासी प्रतिशत महिलाएं आज भी कपड़ा, राख, घास, रेत और कागज का प्रयोग करती हैं।बारह प्रतिशत जीएसटी दर ने भी सेनेटरी पैड को बढ़ावा नहीं दिया है। फैजाबाद जिला के तारून ब्लाक के कल्याणपुर छितौना और मीतनपुर गांव की महिलाओं से जानतें हैं मासिक धर्म के दर्द के बारे में –
रीता का कहना है कि मासिक धर्म के समय पैर और कमर में दर्द होता है। चांदनी भारती का कहना हि कि पेट, कमर और पैर सब जगह दर्द होता है। मासिक धर्म के समय आयरन की गोली खाती हूँ और कपड़ा इस्तेमाल करती हूँ। अंशु ने बताया कि मासिक धर्म के समय कोई दवा नहीं खाती हूँ। जब सर दर्द होता है तो सर दर्द की दवा खाती हूँ। मेडिकल आफिसर डाक्टर ममता चौधरी का कहना है कि दर्द की दवा खाने से आगे कोई बीमारी नहीं होगी लेकिन महिलाएं बिना डाक्टर की सलाह के दवा खाती हैं, क्योंकि महिलाओं में कारण, अज्ञानता और जागरूकता का अभाव हैं। गांव की महिलाएं खून बढ़ाने के लिए गुड़ और चने का उपयोग क्र सकती हैं।
चित्रकूट जिला के रगौली गांव की अनीता का कहना है कि गांव में रहने के कारन हम कपड़ा इस्तेमाल करते है, कपड़ा दो बार इस्तेमाल करने के बाद जला देते है। बकटा बुजुर्ग गांव की प्रतिभा देवी का कहना है कि कपड़ा में सोखने की क्षमता ज्यादा होती है इसलिए हम कपड़ा इस्तेमाल करते है। कपड़ा इस्तेमाल करने के बाद धोकर रख देते है। छात्रा बेदवती सेन का कहना है कि पैड में आराम रहता है क्योंकि वह सरकता नहीं है और चलने फिरने में सुविधा होती है। आशा कार्यकर्ता संगीता पाण्डेय का कहना है कि बीमारी बहुत चल रही है इसलिए महिलाओं को पेड इस्तेमाल करना चाहिये। फैजाबाद, नया बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नर्स श्वेता का कहना है कि पकड़ा इस्तेमाल करने से बहुत सी बीमारियां इन्फेक्शन के कारण हो जाती है। इसलिए पैड इस्तेमाल करना चाहिये।
रिपोर्टर- कुमकुम यादव और नाजनी रिजवी
Uploaded on Feb 8, 2018