जिला महोबा, क़स्बा कुलपहाड़ के अमर बीड़ी कारखाने से चल रओ सैकड़न आदमियन को रोजगार। जी से लगभग आस पास की पचास ओरतन को काम मिल रओ। जा कारखाने की शुरुआत मुहम्मद हनीफ ने लगभग तीस साल पहले करी।
मुहम्मद हनीफ ने बताई के हमे बचपन से व्यापार को शौक हतो। हम छह सात साल की उमर से दुकान पे बैठन लगे ते। बा दुकान हमाय पास आज भी हे। बा दुकान हुक्का तम्बाकू की हती बामे हमाय बाप ने हमे बिठारो बा में दुकानदारी करी।
पहले हम ओरे कर्जा में हते हमाय पास रुपईया नइ हते। फिर हमने जंगल में काम करो बीस साल हमने जंगल से तेंदू के पत्ता को काम करो। फिर बा से जो फायदा भई बा से जो काम शुरू करो।
हमाय कारखाने में कम से कम पचास ओरते काम करती।जे सब ओरते अपने अपने घर में बीड़ी बनाती जितनी फुरसत मिल जात सो उतनी बीड़ी बना लेती फिर बई हिसाब से रुपईया मिलत। काय के जा हाथ की कारीगरी हे मजदूरी नइया।
बीड़ी एसी होने चाहिए जो पीबे में अच्छी बैठे अगर तम्बाकू अच्छी हे पत्ता अच्छो हे तो बीड़ी अच्छी बन हे। और जब अच्छी बन हे तो आदमी की पसंद बन हे। हमने अपने जा कारखाने से खुद को व्यापार चालू करो और आदमियन को भी रोजगार दओ।
जितनी जगह हती थोड़ी सी बई में सब करो। जिते आदमियन को जरुरत हती काम की उते आदमियन को काम दओ। जी से उनके परिवार को खर्चा चल रओ।
रिपोर्टर- श्यामकली
03/02/2017 को प्रकाशित