उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव के कन्या विद्याधन योजना के तहत इण्टर पास करके आगे पढ़ाई करे वालिन लइकिन के तीस हज़ार रुपइया देवे के नियम हव। सरकार के इ योजना से इ तो सामने आएल कि एकर लाभ उठावे खातिर बहुत से लइकिन आपन एडमिशन करवइलिन। आउर एमें उहे परिवार के लइकिन के आवेदन करे के रहल जेकर आय पैंतीस हज़ार से कम हव। इ योजना में आय प्रमाण पत्र के ज्यादाभूमिका रहल।
इ योजना के तहत 15 जनवरी 2013 के बनारस के राजकीय क्वींस कालेज में तीन सौ लइकिन के चेक दियायल। लेकिन एमें आवेदन करे वाली बहुत से लइकिन एकर लाभ ना उठा पइलिन। काहे से कि बहुत सी अइसन मुद्दा सामने आएल हव जवने में लइकिन के प्रमाण पत्र फर्जी निकलल हव। आखिर फर्जी प्रमाण पत्र बनावे के जिम्मेदार के हव?
एकरे बावजूद भी जउन लइकिन के कन्या विद्याधन मिल भी गएल हव तो का इ योजना के तहत पइसा देवे के बाद सरकार के जिम्मेदारी खतम हो गएल? काहें से कि कई बार अइसन भी होला कि पइसा मिले के बाद कई लोग इ पइसा के सही इस्तेमाल नाहीं करत। कोई बियाह खातिर इस्तेमाल करला तो कोई घर के काम में खर्च करला। बहुत कम ही अइसन होला कि इ पइसा से लइकिन पढ़ाई करके कउनों मुकाम तक पहुंच पावलिन।
का सरकार इ पइसा देले के बाद कभी जांच करवावला कि जेके पइसा दिहल गइल हव उ पढ़ाई करत हव कि नाहीं।