मध्यप्रदेश में अब दादी-नानी की कहानियां भी बच्चों को कक्षाओं में पढाई जाएंगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा एक और दो की शिक्षण प्रक्रिया में कहानी सुनाने को शिक्षण प्रक्रिया में शामिल किये जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिये हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘पढ़े भारत-बढ़े भारत’ कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों में भाषा के ज्ञान को मजबूती देने के लिये अनेक सुझाव राज्य सरकारों को दिये हैं। जिसमें से एक, पाठयक्रम में कहानी सुनाने को शामिल किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इस संबंध जो परिपत्र भेजा गया है उसमें कहा गया है कि कहानियाँ कक्षा का शक्तिशाली जरिया होती हैं। वे मजेदार, प्रेरणादायी और चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। वे नई अवधारणाओं के बारे में बच्चों की सोच को प्रेरित कर सकती हैं।