लखनऊ। उत्तरप्रदेश में अब कोटे के द्वारा बंटने वाली चीनी विभाग को यू पी सहकारी चीनी मिल संघ से खरीदनी पड़ेगी।
मौजूदा नियम के अनुसार चीनी के खरीदने और कोटा में चीनी बेचने के दामों में आने वाले अंतर की राशि की भरपाई केंद्र सरकार करती है। इसके अलावा चीनी को लाने ले जाने में लगने वाला किराया भी केंद्र सरकार के ही खाते से आता है। इस नियम को लागू करने का कारण केंद्र सरकार के खर्चों में कटौती करना और राज्य की चीनी मिलों से ही चीनी खरीदने के लिये राज्य सरकार पर दबाव डालना है। चीनी मीलों में किसानों से गन्ना खरीदा जाता है। इससे यूपी के गन्ना किसानों को भी लाभ होगा।
अब कोटे में बंटेगी राज्य की चीनी
पिछला लेख