नई दिल्ली। जहां एक ओर केंद्र सरकार ने कम दामों में मिलने वाले गैस सिलिंडर की संख्या छह से नौ करदी है, वहीं दूसरी ओर डीज़ल के दाम बढ़ना भी तय है। 18 जनवरी को हुई एक अहम बैठक में प्रधान मंत्री और उनके मंत्री मंडल ने ये फैसले सुनाये।
कुछ महीने पहले सरकार ने सालाना सस्ते गैस सिलिंडरों की संख्या कम करके छह करदी थी। सरकार के इस फैसले पर देश भर में प्रदर्शन हुए थे और लोगों ने विरोध किया था। अब सरकार ने तय किया है कि हर परिवार कम दामों में साल में नौ सिलिंडर खरीद सकेगा। लेकिन इस राहत के बदले सरकार ने डीज़ल बेचने वाली कंपनियों को आने वाले साल में कुल छह रूपये प्रति लीटर दाम बढ़ाने की अनुमति दे दी है। कुछ ही महीनों में या कम्पनियां पचास पैसे प्रति लीटर के दर से धीरे-धीरे डीज़ल के दाम बढ़ाना शुरू कर देंगी।
ट्रकों, रेलवे, और सभी थोक में खरीदने वालों को बढ़े हुए दामों में डीज़ल खरीदना होगा। इससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा जब रेल और सड़क से यात्रा करने का किराया तो बढ़ेगा ही, साथ ही बाकी सुविधाएं महंगी होंगी। ऊपर से नौ सिलिंडर के बाद लोगों को अब नौ सौ बयालिस रुपय में एक सिलिंडर मिलेगा। सरकार का मानना है कि डीज़ल और गैस के दाम में बढ़ोतरी से देश के वित्तीय घाटे को कम करने में मदद होगी और आर्थिक सुधार होगा। वहीं दूसरे राजनैतिक दलों के नेताओं ने सरकार की निंदा की है।