कप्तान साफिया फिरोजी अफगानिस्तान की दूसरी महिला पायलट है और एक प्रतीक कि अब यहां की महिलाएं जो सपने देख रही हैं उन्हें पूरा भी कर रही हैं। साफिया अफगानिस्तान की एक शरणार्थी हैं और वह अफगानिस्तान के एयरफोर्स में ट्रांसपोर्ट पायलट हैं। साफिया की शादी भी एक पायलट से हुई है और वह भी उसी यूनिट में हैं जो अफगानिस्तान की आर्मी को ग्राउंड सपोर्ट (ज़मीन पर समर्थन) मुहैया कराती है।
अफगान एयरफोर्स पिछले कई वर्षों से देश में तालिबान चरमपंथ का मुकाबला कर रही है। आज से 16 वर्ष पहले साल 2001 में जब अमेरिकी सेनाएं यहां पर दाखिल हुईं तो तालिबान का साम्राज्य ख़त्म होने लगा। यहां से महिलाओं को एक मौका मिला जब वह समाज में अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकती थी। महिलाओं ने संसद, सरकार और सेना में अपनी पहचान बनानी शुरू की।
तालिबान का साम्राज्य बिखरने के बाद साफिया स्कूल में थीं जब उनहोंने टीवी पर विज्ञापन देखा। उस में महिलाओं से सेना में शामिल होने की गुजारिश की जा रही थी। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद साफिया ने सेना एकेडमी में दाखिला लिया। उसी समय एकेडमी की ओर से घोषणा की गई कि उसे महिला पायलटों की जरूरत है।
तभी साफिया और 12 अन्य महिलाओं ने दाखिला लिया लेकिन सिर्फ साफिया ही टेस्ट को पास कर सकीं और फिर उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। जब उनकी ट्रेनिंग चल रही थी तभी उनकी मुलाकात कप्तान मोहम्मद जावेद नजाफी से हुई। साफिया कहती हैं, “एक महिला के तौर पर आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन आपको उन सभी समस्याओं के साथ आगे बढ़ना होगा।” उन्हें उम्मीद है कि वह बाकी महिलाओं को भी प्रेरित कर सकेंगी।
गौरतलब है कि साफिया से पहले वर्ष 2013 में निलोफर रहमानी को अफगानिस्तान एयरफोर्स की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल हुआ था।
लेख और फोटो साभार: शी द पीपल