क्रिकेट का खेल हो या फिर कबड्डी का, वहां होने वाली हर गतिविधि का आँखों देखा हाल सुनाना हो तो दिनेश कुमार पंचाल अपनी आवाज़ का जादू चलाने से नहीं चूकते। लाखों लोगों के दिलों पर अपनी आवाज़ का जादू चलाने वाले महोबा जिले के कुलपहाड़ में रहने वाले दिनेश 1992 से खेलों में उद्घोषक की भूमिका निभा रहे हैं। यही नहीं, इसके अलावा गाँव भर में होने वाले विशेष सांस्कृतिक एंव धार्मिक आयोजनों पर भी श्रोताओं को उनकी आवाज़ का इंतज़ार होता है।
अपने सफर और शुरुआत के बारे में दिनेश ने बताया “ मैं नहीं जानता कि मैं कैसा बोलता हूँ लेकिन जनता ने मुझे मान दिया और बस मैं आगे बढ़ता गया”।
उन्होंने आगे बताया, मैं लगातार गांवों में होने वाले आयोजनों में बोलता रहा, संचालन में रहा तो अपने आप ही ये सब आगे होता गया। लोगों ने मुझे कार्यक्रमों के लिए बुलाना शुरू किया और फिर जो भी गाँव में बड़ा आयोजन होता है उसमें मुझे बुलाया जाता है।
उन्होंने आगे कहा, मैं पहले दस साल तक क्रिकेट खेलता रहा हूँ और तभी से उद्घोषक की भूमिका में रहता था। साल 1985-86 से शुरुआत कह सकते हैं। लेकिन वैसे देखा जाये तो 1992 से मेरी सही शुरुआत रही। मेरा मानना है कि व्यक्ति को कभी खुद को छोटा नहीं समझना चाहिए और अपने लक्ष्य से कभी नही भटकना चाहिये। हौसले बुलंद हों और हिम्मत हो तो किस्मत आपके साथ होती है।
दिनेश रेडियो सुनने के शौकीन हैं। उन्हें अपने क्षेत्र में लगभग दो सौ अवार्ड मिल चुके हैं।
रिपोर्टर- श्यामकली