झांसी जिले के जिला चिकित्सालय और ललितपुर के महरौनी ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कार्यक्रम हुआ। जिसमें पुरुष नहीं दिखाई पड़े। पुरुष नसबंदी सरल और सुरक्षित होने के बावजूद भी पुरुष इससे दुएर रहे।
आशा कार्यकर्ता आशा पटेल का कहना है कि पुरुषों की संख्या जीरो है जबकि महिलाएं सौ में सौ आयी है।जमाने के हिसाब से चलें। ज्यादा परिवार बढ़ायेगें तो कैसे पालेगे। इसलिए नसबंदी कराना जरूरी है। मीना का कहना है कि दोनों की मर्जी से नसबंदी कराया है। सुनीता का कहना है कि अस्पताल में नसबंदी करानें में कभी दो सौ तो कभी पांच सौ रूपये मांगते है। चन्द्रा का कहना है कि पलंग में नहीं जमीन में लिटाते है। कहते है कि टांके लगे है तो सीधे लेटो। सीमा का कहना है कि दूर से आने पर यहां रुकने की व्यवस्था नहीं है।
इन आरोपों पर महरौनी के सामुदायिक केंद्र के अधीक्षक डाक्टर राजेश वर्मा ने बात करने से मना क्र दिया है।
रिपोर्टर- सुषमा और सफीना
Published on Jan 3, 2018