जिला महोबा, ब्लाॅक जैतपुर, गांव चमरूवा। एते के के आदमियन खा इन्दरा आवास मिलो हतो। जीखी दिसम्बर के महीना मे पैतीस हजार रूपइया की पेहली किस्त आई हती। दूसर किस्त न आयें पे आवास अधूरे परे हे।
सकीला, सज्जे ओर राविया कहत हे की हमाये कच्चे मकान बने हते। जीमें हम आपन गुजारा करत हे। गरीबी होंय के करन प्रधान ने इन्दरा आवास हमाये नाम पास करा दये हते। जीसे हमने अपने कच्चे मकान गिरा दये हते। एक किस्त दिसम्बर के महीना मे आई हती। जीस अधूरे आवास बनके रेह गये हे। अभे तक तो जेसे तेसे हमने आपन गुजारा चला लओ हे। पे अब बरसाात मे हम का करहें।
परमी ओर शान्ती बताउत हे की हमाये हम खुले आसमान के तरे गुजारा करें खा मजबूर हे। एक-एक कच्चे कमरा हे ओई मे गृहस्थी को सामान धरो हे ओई मे खाना बनाउत हे।
हम सोचत हे की हमाओ रूपइया आ जाये तो नींक होहे। प्रधान इन्दे्रश को आदमी को बाप ररसी राजपूत कहत हे की ग्यारह आवास आये हते। जीसे अपै्रल के महीना मे ब्लाक मे प्रस्ताव लगा दओ हे। अब खातन मे रूपइया आयें वालो हे।
बी.डी.ओ. एस.एन. पाण्डेय कहत हे की प्रधान से अधूरी कलोनी की फोटो मगवा के जिला मे भेज देहे। काय से ओतई से रूपइया आउत हे।
रिपोर्टर – श्यामकली