घर-घर शौचालय बनानें के लक्ष्य की बेताबी को लेकर 2015-16 में जिला महोबा के ब्लाक जैतपुर के गांव मंगरौल में कहीं बिना सीट तो कहीं बिना गड्ढ़े के ही बना दिये गये थे शौचालय।इस तरह के शौचालय लोग कैसे इस्तेमाल करेगें। शौचालय बनानें के नाम पर यह सिर्फ खानापूर्ति की गई हैं। सहायक विकास अधिकारी आनिल सिंह तोमर का कहना है कि सत्ताइस शौचालय अधूरे थे अब सात शौचालय अधूरे है बाकी शौचालय पूरे करा दिये गये हैं।
रामसिंह राजपूत का कहना है कि बिना सीट और बिना गड्ढ़े के दो साल पहले शौचालय बनाया गया था। इस कारन हम बाहर शौचाली के लिए जाते हैं।
महेन्द्र कुमार का कहना है कि एक साल पहले शौचालय बनानें का जो ठेका लिए था उसका एक्सीडेंट हो गया था। इसलिए बिना गड्ढ़े के ही शौचालय बनें हैं।
राजकुमारी ने बताया कि अधूरे शौचालय बनें है तो हमें बाहर जाना पड़ता है।
रतिराम का कहना है कि गांव के सौ डेढ़ सौ शौचालय ऐसे ही बनें हैं तीन-तीन के गड्ढा बनें हैं कहीं सीट लगी है तो कहीं नहीं लगी है।विनोद का कहना है कि एक महीना पहले शौचालय के गड्ढ़े में मेरी पत्नी गिर गई थी जिससे कमर में चोट लगी थी तब दवा करानें में पांच छह सौ रूपये लगें थे।
रिपोर्टर: श्यामकली
published on Dec19, 2017