फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा बड़े-बड़े गंाव कस्बा मा पानी कै टंकी करोड़न रुपया के लागत से बनिगै। लकिन चालू न हुवय से बहुत दिक्कत पानी के ताई हुआथै। जब चालू नाय करावै का रहत तौ दिखावटी मा खड़ी करे कवन फायदा?
पानी कै टंकी तौ लाखन-करोड़न के लागत से बनै के ताई सरकार के हिंआ से पास होय जाथै लकिन बनिके चालू हुवय कै कउनौ सीमा निष्चित नाय रहत। मनईन का खुषी रहाथै कि टंकी लागत बाय जल्दी पानी कै सुविधा होय जाये। लकिन उनकै आस कब पूरी होये जाये तौ कउनौ न कउनौ कमी के कारण जरूर बप्द रहे। फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा कम से कम पांच-सात टंकी बाय जवन बनीं बाय लकिन कउनौ न कउनौ परेषानी से चालू नाय भै। टंकी बनै के ताई तौ पास होय जाथै लकिन दुई चार साल जमीन के विवाद मा निकल जाथै। जबकि जमीन टंकी लागै के ताई चुनी गै रहाथै।
पानी कै टंकी सरकार के हिंआ से बनै कै प्रस्ताव पास होय जाथै लकिन कभौ देखभाल काहे नाय करै जातिन कि कहां तक काम भै? यतनी हीला हवाली के कारण ही निर्माण जल्दी नाय होय पावत। अउर पूछै वाला केहू नाय रहत कि अब तक काहे नाय चालू भै? कइयौ जगह तौ काम न हुवय से बजट भी खतम होय जाथै। वकै जिम्मेदारी केकै रहाथै कउनौ पता नाय?
अधर मा लटकी पानी कै टंकी
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