जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव मुरवां का मजरा हुसैनपुर। हेंया के सुखरानी का वहिकर मनसवा चन्द्रपाल नींक न होय का बहाना कइके घर से निकार दिहिस। सुखरानी एक साल से बांदा अदालत मा खाना खर्चा का मुकदमा लगाये है।
सुखरानी कहत है-“मोर शादी चालिस साल पहले पन्ना जिला के देवलपुर गांव मा भे रहैं। कुछ दिन नींक से रहिंव यहिके बाद मनसवा कहै लाग की तै नींक नहीं आही। या बहाना कइके वा आपन दूसर शादी कर लिहिस है। मैं आपन मइके मा रही के खाना खर्चा का मुकदमा लगाये हौं अउर जीत गईंव। तीन सौ रूपिया का महीना का मिलै का फैसला भा, पै यतने मा मोहिका कुछव नहीं होत आय। मैं चाहत हौं कि एक महीना मा पन्द्रह सौ रूपिया मिलै। वकील भी हर तारीखन मा बुला लेत है, पै पैरोकारी नहीं करत आय। मोर किराया खर्चा हर महीना फूंकत है।” वकील राम लखन का कहब है कि एक साल से रूपिया बढ़ैं का मुकदमा लाग। मैं पूरी कोशिश करत हौं कि यहिकर खाना खर्चा बढ़ जाय। या हमार हाथ का काम नहीं आय। एक साल पूरा होइगा है अब मिलै वाला है।