ई ताईक्वान्डो (कराटे) कै ट्रेनिंग कउनौ बड़े शहर मा नाय बल्कि फैजाबाद जिला के परशुराम महिला महाविद्यालय तारुन मा हुवत बाय। यहि क्षेत्र के छात्र-छात्रा का प्रशिक्षित करै कै बीड़ा उठाये अहैं उमेश कुमार पासवान। तौ जाना जाय कैसे भए एकै शुरुआत।
उमेश कुमार पासवान नेशनल कोच बताइन की ताईक्वान्डो (कराटे) कै ट्रेनिंग शुरू करे हमैं दुई महीना भा।ऐसे पहले हम अपने विद्यालय मा करीब छह महीना तक छात्र-छात्रा का सिखायन। छह महीना मा गेदहरै नेशनल लेबल तक खेलिन। वही महसे कुछ गेदहरन का हम अलग छाँट के निकार लेहे रहेन अब उनका अलग ट्रेनिंग दियत हई।एकरे पहले कानपुर मा हमार क्वावाइंटर ताईक्वान्डो नाम से क्लब संस्थान रहा। वहिंसे एथलेटिक्स कै छात्र-छात्रा ऋचा सक्सेना, कुलदीप शुक्ला खेले अहैं। ऐ सब पुरान स्टूडेंट रहे।
सरकारी टीचर रहते हुए क्लब चलाउब आसान नाय रहा जेसे विद्यालय के मैनेजर से अनुमति लइके फिर क्लास शुरू करेन जेसे विभागीय परेशानी न हुवय। विद्यालय कै अन्य शिक्षक भी काफी सहयोग करिन।आत्मरक्षा के ताई ताईक्वान्डो बहुत अच्छा गेम बाय।
उमेश कुमार पासवान नेशनल कोच कै कहब बाय कि जवन ग्रामीण छात्र-छात्रा अहैं ग्रामीण परिवेश हुवय के कारण कुछ पैसा कै समस्या या माता-पिता के जागरूक न हुवय के कारण पीछे हटा थे। जवन गेदहरै खेलै मा अच्छा अहैं उनके घर-घर जाइके उनका समझाई थी कुछ कारण रहा होए जेसे हम इंटरनेशनल नाय खेल पायन अउर अब हम चाहीथी की जब हम गेम टीचर हई तौ हम अपने छात्र-छात्रा का ताईक्वान्डो खेल मा ओलम्पिक तक पहुंचाउब।
रिपोर्टर-कुमकुम यादव
Published on Feb 19, 2018