खबर लहरिया सबकी बातें अंधविश्वास के खिलाफ कानून की जरूरत

अंधविश्वास के खिलाफ कानून की जरूरत

Sampaadakiya - Dabholkar at Workमहाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ लड़ रहे नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई। लंबे समय से वो जादू-टोना, चमत्कारों की वैज्ञानिक जांच करने के बाद पोल खोल रहे थे। कई धार्मिक और कट्टरवादी संगठनों को उनका ये काम बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उन्होंने तो अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ कानून बनाने के लिए बहुत पहले ही एक कानूनी दस्तावेज भी तैयार कर लिया था। लेकिन विरोध के चलते राज्य विधानसभा में उसे पास नहीं किया जा सका। उनका ये काम वाकई में बहुत कठिन था।
जहां देश की राजनीति मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों से तय होती हो, जहां कभी गणेश तो कभी शंकर की मूर्ति दूध पीने लगती है, औरतों को डायन कहकर उनको कई बार जान से ही मार दिया जाता है, अगर कोई समाज को इन अंधविश्वासों से आगे वैज्ञानिक सोच तक ले जाएगा, तो इससे नुकसान ढोंगी बाबाओं के साथ राजनेताओं को भी होगा। जिस अंधविश्वास पर इतने ल¨ग¨ं के कारोबार निर्भर हांे उसके खिलाफ लड़ने वाले की जान के दुश्मन तो लोग होंगे ही।
महाराष्ट्र सरकार ने नरेंद्र दाभोलकर के हत्यारों के खिलाफ सूचना देने वाले को दस लाख रुपए देने की घोषणा की है। लेकिन यही सरकार पिछले 14 सालों से इस कानून को पास नहीं कर रही थी। अब देश के लोगों को चाहिए कि वो इस कानून के बनने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहल करें।