बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने एक अंग्रजी अखबार इंडियन बीजेपी सांसदों के नाम एक खुला खत ‘प्यारे दोस्तों, बोलो’ लिखा है। इसमें यशवंत सिन्हा ने लिखा है कि…
-भारत में दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के सरकार के दावे के बावजूद आर्थिक हालात चिंताजनक हैं। ऐसी अर्थव्यवस्था में किसानों की हालत खराब नहीं होती है, युवक बेरोजगार नहीं होते, छोटे व्यापार का खात्मा नहीं होता और बचतों एवं निवेश में इस तरह गिरावट नहीं होती, जिस तरह पिछले चार सालों में देखने को मिली है। भ्रष्टाचार एक बार फिर से सिर उठाने लगा है। कई बैंक घोटाले सामने आए हैं और घोटाला करने वाले देश से बाहर भागने में कामयाब रहे हैं और सरकार असहाय सी देखते रह गई है।
-महिलाएं आज जिस कदर असुरक्षित हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। बलात्कार के मामले बढ़े हैं और बलात्कारियों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय हम उनसे क्षमा मांगते हुए दिखते हैं। अल्पसंख्यकों में अलगाववाद बढ़ा है। इससे भी बदतर यह है कि समाज के सबसे कमजोर एससी/एसटी तबके के खिलाफ अत्याचार और असमानता इस दौर में सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है।
–पिछले चार वर्षों में सबसे बड़ा खतरा हमारे लोकतंत्र के लिए उपस्थित हुआ है। लोकतांत्रिक संस्थाओं का क्षरण हुआ है। संसद का बजट सत्र जब बाधित हो रहा था तो प्रधानमंत्री ने उस दौरान इसको सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ एक भी बैठक नहीं की। उसके बाद दूसरों पर इसका ठीकरा फोड़ने के लिए उपवास पर बैठ गए।
इसके साथ ही यशवंत सिन्हा ने बीजेपी सांसदों से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर आपको अपनी आवाज उठानी चाहिए। इसके साथ ही कहा कि यह खुशी की बात है कि पांच दलित सांसदों ने अपनी आवाज उठाई है। यदि अब आप खामोश रहेंगे तो इस राष्ट्र की आगे आने वाली पीढ़ियां आपको माफ नहीं करेंगी।