आरबीआई ने नोटबंदी से जुड़े आंकड़ों को पेश करते हुए बताया कि नोटबंदी से पहले देश में 500-1000 के पुराने नोटो के तौर पर 15.44 लाख करोड़ रुपये के नोट चल रहे थे जिसमें से 15.28 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए हैं। वहीं नोटबंदी के बाद 1000 के कुल नोटों में से 99% नोट वापस आ गए हैं।
आरबीआई के जारी किए गए आंकड़े
नोटबंदी के बाद 1000 के कुल नोटों में से 99% आरबीआई के पास वापस आ गए हैं। पुराने 1000 रुपये के सिर्फ 8.9 करोड़ पुराने नोट अब तक वापस नहीं आए हैं। यानी नोटबंदी से पहले चल रहे 1000 के 8900 करोड़ रुपये कीमत के नोट वापस नहीं आए।
500 रुपये के 7100 करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आए और बाकी कटे फटे या नकली नोट थे। यानी कुल 16000 करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आए।
आरबीआई ने जो जानकारी दी है जिसके तहत वित्त वर्ष 2017 में 7.62 लाख नकली नोटों की पहचान हुई है जबकि वित्त वर्ष 2016 में कुल 6.32 लाख नकली नोट बरामद किए गए थे।
नोटबंदी के बाद 1000 रुपये के 1.4 % नोट को छोड़ के बाकी सभी नोट बैंकों में पास वापस आ गए हैं। वर्ष 2016-17 की अपनी सालाना रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि नवंबर में हुई नोटबंदी से पहले 1000 रुपये के 632.6 करोड़ नोट चलन में थे जिसमें से सिर्फ 8.9 करोड़ नोट प्रणाली में वापस नहीं आए। इस तरह 8900 करोड़ रुपये केंद्रीय बैंक के पास वापस नहीं पहुंचे।
रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया कि 31 मार्च 2017 तक 500 रुपये के पुराने और नए नोट मिलाकर कुल 588.2 करोड़ नोट बाहर थे। 31 मार्च 2016 के आखिर में चलन में 500 रुपये के नोटों की संख्या 1570.7 करोड़ थी।
आरबीआई ने ये भी जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2017 में नए नोटों की छपाई की लागत बढ़कर 7965 करोड़ रुपये हो गई है जबकि वित्त वर्ष 2016 में सरकार ने नोटों की छपाई में 3421 करोड़ रुपये ही खर्च किए थे।
रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 के दौरान चलन मे नोट की कीमत 20% कम हुई, संख्या 11% बढ़ी। 2015-16 के दौरान चलन में जो नोट थे, उसकी कुल कीमत का 86.4%, 500 और 1000 रुपये के नोट थे। 2016-17 के दौरान चलन में जो नोट रहे, उसकी कुल कीमत में 500, 1000 और 2000 के नोट की हिस्सेदारी घटकर 73.4 % रही। 2016-17 के दौरान 2000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 50.2 % रही। 2016-17 के दौरान 2000 रुपये के 3285 मिलियन नोट चलन मे रहे। 2016-17 में 2000 के 3500 मिलियन नोट छापने का प्रस्ताव था जबकि 3504 मिलियन नोट उपलब्ध कराए गए।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नोटबंदी पर सरकार की विफलता को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि 99% नोट कानूनी तौर पर बदल दिए गए तो क्या नोटबंदी काले धन को सफेद करने की स्कीम थी? नोटंबदी के बाद सिर्फ 1% बंद नोट ही बैंकिंग प्रणाली में वापस नहीं लौटे। यह रिजर्व बैंक के लिए लानत की बात है जिसने नोटबंदी की सिफारिश की थी।
गौरतलब है कि कालेधन पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 की आधी रात से 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का एलान किया था। पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने की अनुमति दी गई थी और असाधारण जमा आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गयी थी।