योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट रैंक के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने ताजमहल के बारे में विवादित बयान देते हुए कहा है कि सरकार ने पर्यटन विभाग की किताब से ताजमहल को हटाकर सही किया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार की तरफ से जो पर्यटन जानकारी से सम्बन्धित किताब जारी की गई थी, उसमें ताजमहल नहीं था। उसके बाद से ही इसको लेकर विवाद चल रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में बोलते हुए चौधरी ने कहा कि ताजमहल कोई धार्मिक प्रतीक नहीं है। गोरखपुर पीठ को शामिल करने की वकालत करते हुए चौधरी ने कहा कि ये लोगों की आस्था का प्रतीक है जबकि यूनेस्को द्वारा घोषित विरासत स्थल ताजमहल किसी धर्म को प्रतिबिंबित नहीं करता।
बता दें कि लक्ष्मी नारायण चौधरी के पास धार्मिक और संस्कृति मंत्रालय का प्रभार है। ताजमहल को यूपी पर्यटन जानकारी से जुड़ी किताब में शामिल नहीं करने की वजह बताते हुए चौधरी ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार ‘राष्ट्रवादी’ है और ‘धर्म नीति’ से चलती है।
यूपी सरकार की नई किताब में गोरखपुर को शामिल किया गया लेकिन दुनिया के सात आश्चर्य में शुमार ताजमहल को शामिल नहीं किया गया।