लखनऊ-पायल एक किन्नर आय।आठ साल के उमर मा वा घर से भाग गे रहै।जबै पायल 15 साल के रहै तौ वहिके साथ गलत काम कीन गा।पै आज वा आपन मेहनत अउर लगन से एक जानी मानी कलाकार के रूप मा जानी जात हवै।पायल के जिन्दगी से सीख सकत हवै कमी इनतान संघर्ष कइके आगे बढ़ा जा सकत हवै काहे से पायल भीख मांगे से लइके फिल्म मा काम करै तक का सफर तय करिस हवै।वहिके जिन्दगी के ऊपर किताब भी लिखी गे हवै।
पायल का कहब हवै कि बचपन मा मोहिका बहुतै मार पड़त रहै मोहिका देख के मोर महतारी बहुतै रोवत रहै।तबै मैं लड़का बन के जिए के कोशिश करेंव।स्टेशन मा भीख मांग के गुजारा करत रहि हौं फेर एक होटल मा काम कीनेव दुकान मालिक मोहिका आपन घर लइगा पै आपन पहिचान खुद बनावे के कोशिश करेंव।मैं कइयौ फिल्म मा अलग –अलग किरदार निभाय हौं।मोर ऊपर किताब भी लिखी गे हवै।मड़ई मोर किताब मा पढ़े अउर समझे कि किनतान मैं संघर्ष कइके एक कलाकार के रूप मा आपन पहिचान बनाये हौं।
रिपोर्टर-नसरीन और नाजनी रिजवी
30/08/2017 को प्रकाशित