खबर लहरिया औरतें काम पर सऊदी अरब में महिलाओं के कार चलाने पर क्या महसूस करते हैं बच्चे

सऊदी अरब में महिलाओं के कार चलाने पर क्या महसूस करते हैं बच्चे

साभार: यूट्यूब

फिल्म निर्माता हया अल सुवेद ने सऊदी अरब के कई बच्चों के अनुभवों को एक फिल्म में दिखाया है। इस शॉर्ट फिल्म में सऊदी अरब के उन बच्चों के अनुभवों को लिया गया है, जिनकी मम्मियां उन्हें कार चलाकर स्कूल छोड़ने लाने का काम करती हैं।
आज सऊदी अरब अपनी बदली सोच के साथ दुनिया के सामने आ रहा है, जिसके चलते ही महिला के कार चलाने की पाबंदी को हटाया गया है। इस पाबंदी को खत्म करने को जहां दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तो वहीं कुछ लोगों ने महिलाओं की योग्यता पर संदेह करके इसकी आलोचना की, उनकी वजह से रास्ता जाम होगा, जिससे दुर्घटनाएं भी होंगी।  हया अल ने इन आलोचनाओं को बन्द करने के लिए उन महिलाओं पर फिल्म बनाई जो अपने बच्चों को स्कूल लाने छोड़ने का काम करती हैं।
हया अल ने इस शॉर्ट फिल्म को यूट्यूब में पोस्ट किया है। इस वीडियो में उन बच्चों की प्रतिक्रियाएं ली गई हैं, जिनकी मम्मियां कार की पहली सीट पर बैठी हैं। एक बच्चा कहता है कि मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मां का कार चलाकर स्कूल लाना छोड़ना ड्राइवर से अच्छा है। वहीं एक बच्ची कहती है कि मेरी मां हमेशा स्कूल जाते समय नाश्ता देती और बाय बोलती थी। पर अब वह ये काम कार में ही कर लेती हैं। इस फिल्म को बनाने का मकसद जब हया अल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महिला के कार चलाने को लेकर इतनी बातें हो रही थी, तो मैं चाहती थी कि सही राय बच्चों की ओर से आए क्योंकि वे आने वाली पीढ़ी हैं और उनकी राय इस फिल्म में है।