खबर लहरिया बाँदा का होत है जांब कार्ड बनाये

का होत है जांब कार्ड बनाये

2006 के बने जांब कार्ड आज भी धरे सादे

2006 के बने जांब कार्ड आज भी धरे सादे

महत्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना मनरेगा के तहत बरईमानपुर कस्बा के मड़ई का काम नहीं मिलत आय। बरईमानपुर गांव जिला बांदा ब्लाक महुआ मा है।
कस्बा का रहैं वाला संजय बतावत है-“हमरे जांब कार्ड सन् 2006 मा बने रहैं। तबै से आज तक एक भी दिन काम नहीं मिला आय। जांब कार्ड सादे धरे हैं। जब सरकार गांव के दीवाल मा या लिखाये है कि गांव-गांव में काम मिलेगा काम के बदले दाम मिली तौ गांव मा प्रधान काम कहे नहीं देत आय। या मारे मड़ई देश परदेश काम खातिर भटकत है। अगर गांव मा काम मिलै लागै तौ नींक है।” राजू, मुन्ना अउर रामरतन कहत हंै कि हमार जांब कार्ड तौ नाम भर का बने हैं।
पंचायत मित्र रामकिशोर चैरसिया कहत है कि उंई लोग काम नहीं करत आय। अगर काम का कहत हन, तौ रोज शाम के काम के मजदूरी मांगत है, तौ हम कहां से रोज देन या तौ सरकार के नियम मा भी निहाय।