खबर लहरिया औरतें काम पर चरखारी की नई गाड़ी और उसकी ड्राइवर

चरखारी की नई गाड़ी और उसकी ड्राइवर

26-02-15 Mahoba - Girl Driver ed for webजिला महोबा, ब्लाक चरखारी। चरखारी कस्बे से कुछ छह किलोमीटर दूर बबनेथा गांव से चली आ रही है बैट्री वाली रिक्शा। ये यहां ज़्यादातर दिखाई नहीं देती है। पर एक और अनदेखी बात है इस रिक्शे की ड्राइवर।
सत्रह साल की रामदेवी रिक्शा  चला कर महिला और पुरूषों के बीच काम के बंटवारे के भेदभव को चुनौती दे रही है। ‘मैं पहले दिल्ली में पढ़ाई करती थी। वहीं पापा ने ये रिक्शा खरीदा। मैंने सोचा चलाना सीख लूं तो कस्बे तक आने-जाने में सुविधा होगी।’
रामदेवी ज़्यादातर गांव से स्कूल के बच्चों को बिठा कर चरखारी कस्बा लाती है। ‘अगर कभी अपने गांव की और सवारी मिल जाए तो उन्हें बैठा लेती हूं। मैं जानती हूं लोग अकसर घूरते हैं पर मुझे फर्क नहीं पड़ता। मेरे परिवार का पूरा सहयोग है।’