खबर लहरिया चित्रकूट सांसदों की गोद में बैठकर विकास की राह ताकते गांव

सांसदों की गोद में बैठकर विकास की राह ताकते गांव

साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीता और केंद्र में सरकार बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि हर सांसद अपने जिले के एक गांव को गोद लेकर उसका विकास करेगा। उस गांव को विकास के मॉडल के रूप में स्थापित किया जाएगा। लेकिन सांसदों की गोद में बैठने के बाद भी इन गांवों तक विकास पहुंचने की शुरुआत तक नहीं हुई –
BHairo Prasadजिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव हन्ना विनैका। चित्रकूट से करीब पैंतिस किलोमीटर दूर स्थित हन्ना गांव को यहां के सांसद भैरों प्रसाद मिश्र ने 14 नवंबर 2014 में गोद लिया था। लेकिन उसके बाद वह दोबारा उस गांव में कभी नहीं गए। गांव के प्रधान राम प्रसाद ने बताया कि उन्होंने हमसे विकास कार्यों की सूची मांगी थी। हमने सूची बनाकर दिसंबर में ही भेज दी थी। उसमें आर.सी.सी. की पक्की सड़क, शौचालय, हैंडपंप और पानी की टंकी बनवाने जैसी मुख्य मांगें थीं। लेकिन उस सूची का उन्होंने क्या किया हमें नहीं पता। अब तो बी.डी.ओ. के पास जब भी हम दरखास लेकर जाते हैं-वह मजाक करते हैं कि आप तो सांसद की गोद में हैं। आपको और किसी की क्या जरूरत?
राम प्रसाद की बात का अंदाज़ा जमीनी स्तर पर जाकर देखने से हो जाता है। सड़क किनारे बसे गांव के भीतर जाने के लिए जैसे ही मुड़ेंगे। कूड़े के ढेर नजर आने लगते हैं। गांव जैसे जैसे करीब आता जाता है, सड़क और ज्यादा ऊबड़ खाबड़ होती जाती है। गांव में रहने वाली शिवकुमारी ने बताया कि पिछले कई महीनों से मोटी मोटी गिट्टी डालकर छोड़ दिया है। वाहन पर जाओ तो पलटने का डर बना रहता है।
बच्चे रोजाना अपना पैर हाथ छिलवाकर आ जाते हैं। सियादुलारी ने बताया कि हमने बहुत उम्मीद के साथ इन सांसद को जिताया था। जब गांव को गोद लेने की बात सुनी तो लगा कि अब तो हमारा गांव जिले का सबसे विकसित गांव बन जाएगा। लेकिन नई सरकार बनने के बाद एक भी काम नहीं हुआ। पूरे गांव में एक भी शौचालय नहीं है। न तो पहली सरकार ने कुछ किया न ही यह सरकार कुछ कर रही है। प्रधान राम प्रसाद ने कहा कि हमारे सांसद न तो फोन पर और नहीं आमने सामने हमसे कभी मिलते ही नहीं।

सांसद भैरौं प्रसाद से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गोद लिए गए गांव का पिछले तीन महीनों से सर्वे चल रहा है। इसके बाद विकास कार्यों की सूची बनेगी। लेकिन यह सर्वे कौन सी टीम कर रही है? कब तक सर्वे पूरा होगा? उन्होंने इन सवालों का जवाब नहीं दिया। बहुत जोर देने के बाद कहा कि 2016 तक गांव का विकास होगा। यानी एक गांव के विकास में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा तो अंदाजा लगया जा सकता है कि जिले के सभी गांवों के विकास के लिए कितना समय लगेगा?