खबर लहरिया औरतें काम पर मे केसेे काटहों आपन जिन्दगी

मे केसेे काटहों आपन जिन्दगी

जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव पचारा। एते की सविता को आरोप हे कि ससुराल वाले दहेज में मोटर साइकिल न देय पे मारपीट करत हते। जीसे ऊ दो साल से मायके मे रेह दहेज प्रथा को मुकदमा लड़त हे।
सविता बताउत हे कि मोई शादी दो साल पेहले टीकमगढ़ टपरियन को मुहल्ला में अरविन्द्र के साथे भई हती। में दो दइयां ससुराल गई हो। ससुराल वाले कहत हते की अपने बाप से मोटर साइकिल मांगा। मोओ बाप बोहतई गरीब हे। मोटर साइकिल नई दई ओर मे दुबारा से ससुराल गई तो सब जेवर उतरा लओ मोये बाप के साथे भेज दओ। तभे से ऊं लिबाउन नई आउत हे। मोये एकऊ बच्चा भी नइयां। मे आपन जिन्दगी केसे गुजारहों। ससुराल वाले कहत हे कि ते नींक नइयां। एई से मे डेढ़ साल से अपने मायके मे रहत हों।
सविता को बाप कहत हे कि जभे रिस्ता तये करो हतो तो ससुरल वाले सब देखन आये हते। मोटर साइकिल न देय पे बहाना करत हे। एई से हम सोचत हे कि हमाओ दहेज वापस लौटा देय। एई से दहेज प्रथा को मुकदमा लगायें हो।
सविता के आदमी अरविन्द्र बताउत हे कि ऊखी आदत अच्छी नई हती, जोन काम खा रोकत हे ओई काम करत हे। एई से मे ऊखे लिबाउन नई जात हों ओर न मे ऊखे राखहों।