खबर लहरिया बुंदेलखंड चार साल से विकलांग प्रमाण पत्र खा भटकत

चार साल से विकलांग प्रमाण पत्र खा भटकत

gaon for webजिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव छिकहरा। एते की गुलाब रानी पत्नी राम कृपाल आपन विकलांग प्रमाण पत्र बनवायें खा चार साल से भटकत हे, पे डाक्टर दसखत नई करत हे।
गुलाब रानी ने बताओ कि चार साल पेहले मोये भंैस ने मार दओ हतो। जीसे मोओ पांव टूट गओ हतो। गुलाब रानी को आरोप हे कि जभे सरकारी अस्पताल इलाज खा गई तो हड्डी विशेषज्ञ डाक्टर पुरवार ने 700 रूपइया लेय के बाद प्लास्टर चढ़ाओ हतो। ऊखे बाद भी पांव सही नई भओ ओर बैसाखी लेके चलत हांे। गुलाबरानी के आदमी राम कृपाल ने कहो कि हम विकलांग प्रमाण पत्र बनवायें के लाने चार साल से भटकत हे। डाक्टर पुरवार से कहत हे कि कागज में दसखत कर दे तो ऊ कहत हे तुम्हई ज्यादा उम्र हो गई हे। में दसखत न करहो। अगर हमाओ विकलांग प्रमाण पत्र बन जाये तो बस को किराया भी कम लगे ओर विकलांग पेंशन भी मिलन लगे। जीसे हम गरीबन को कछू तो सहायता हो जाये।
स्वास्थ विभाग के कनिष्ट सहायक प्रदीप यादव ने बनाओ कि विकलांग प्रमाण पत्र 12 से 60 साल तक के आदमियन को बनत हे। गुलाब रानी कि उम्र राशन कार्ड के हिसाब से लगभग 65 वर्ष हे। एई से ऊखो विकलांग प्रमाण पत्र नई बनो हे।