खबर लहरिया जवानी दीवानी सेल्फी का दीवानापन पड़ा जान पर भारी

सेल्फी का दीवानापन पड़ा जान पर भारी

साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

स्मार्ट फोन के कैमरे जैसे-जैसे हाई क्वालिटी के होते जा रहे हैं। वैसे ही लोगों में फोटो लेने का शौक भी सिर चढ़ाकर बोल रहा है। फोन के कैमरे ने ही सेल्फी शब्द को इजाद किया। सेल्फी यानि खुद की फोटो खुद लेना है। सेल्फी लेने अब एक तरह की बीमारी में बदल रहा है, कुछ लोग दिनभर में 50 से अधिक फोटो ले लेते हैं। इन फोटो को सोशल मीडिया में लगाया जाता है और फिर तारीफे ली जाती हैं। किसी व्यक्ति को जितने ज्यादा लाइक और कमेंट मिले वो उतना ज्यादा महारथी।

आज सेल्फी लेना इतना खतरनांक हो गया हैं कि कई मौतों और दुर्घटनाओं की ये वजह बन गया है। अभी हाल ही में नागपुर के वेना डैम में 8 युवक सेल्फी लेने के कारण डूब गए। वहीं एक युवक कान पर बंदूक को रखकर सेल्फी लेने के कारण मर गया। दिल्ली में दो बच्चे आती हुई रेलगाड़ी के सामने सेल्फी लेने के कारण रेल से दबकर मर गए।

94 मिलियन सेल्फी हर दिन विश्वभर में ली जाती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सेल्फी के चक्कर में सबसे ज्यादा मौतें भारत में हुई है। मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच अमेरिका की कार्नेजी मेलॉन यूनिवर्सिटी, भारत की इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने एक शोध किया। इस शोध में 20 देषों को शामिल किया गया। 20 देशों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में हुई हैं। वहीं दूसरे और तीसरे स्थान में पाकिस्तान और अमेरिका हैं। तो आप भी अपना ध्यान रखें सेल्फी लेने का शौक आपको भारी न पड़ जाए। सेल्फी लें पर जान का जोखिम लेकर नहीं।