खबर लहरिया राजनीति सीकर किसान आंदोलन: सरकार के निर्थक प्रयासों पर किसानों का बढ़ता रोष

सीकर किसान आंदोलन: सरकार के निर्थक प्रयासों पर किसानों का बढ़ता रोष

फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

पिछले 1 सितंबर से राजस्थान के सीकर में किसानों का अनिश्चितकालीन आंदोलन चल रहा है। सीकर से शुरू हुआ यह आंदोलन अब राजस्थान के 14 ज़िलों में फैल गया है। इस किसान आंदोलन से सीकर जिला व्यापारी संघ, सीकर जिला पेट्रोल पंप संघ, एलआईसी एजेंट संघ, फिलिप प्लांट यूनियन, मिनी सिटी बस यूनियन, सीकर जिला डीजे यूनियन, दुग्ध डेयरी यूनियन, बका मंडी यूनियन आदि संगठन मिल गये हैं।
किसानों की मांगों में, ऋण माफी, उत्पाद के लिए उचित मूल्य, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कार्य करना, पशुधन बाजार नियम 2017, भटकने वाले पशुओं के लिए जगह, नि: शुल्क बिजली से होने वाले खतरों का समाधान और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए 5,000 रुपये मासिक पेंशन मुख्य रूप से शामिल है।
गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन का दूसरा बड़ा केंद्र बीकानेर है। इसके बाद झुंझनू, नागौर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अलवर, जयपुर, डूंगरपुर, उदयपुर अन्य जिलों में भी किसान आंदोलित हैं।
किसान नेता अमराराम ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि किसानों की 11 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किए जाने तक यह चक्का जाम जारी रहेगा, सरकार के हर फैसले से टक्कर लेने के लिए किसान तैयार हैं।
दरअसल, सीकर के किसान 13 दिन के आंदोलन के चलते बारिश में असफल होती फसल, उत्पादन के लिए कीमतों में लगातार गिरावट, नए पशु नियम और जीएसटी लागू होने की वजह से परेशानियों में घिरे हुए हैं जिसके लिए सरकार अभी भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।