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सामाजिक धारणाओं के बीच औरतें

खबर लहरिया की पत्रकार ने लखनऊ स्थित सनतकदा संस्था में रेणु (बदला हुआ नाम) से बात की। इस बातचीत के बीच कई बातें निकलकर आईं। जैसे औरतों के लिए समाज में बनीं धारणाएं, पुरुषवादी समाज में किस औरतों के चरित्र पर आरोप लगाने की साजिश। शादी के संबंध में औरतों पर दबाव बनाना।

जिला लखनऊ। पहली शादी के समय रेणु तेरह साल की थी। पहला पति प्रिटिंग प्रेस में काम करता था। मगर शादी के छह सात महीनांे बाद ही तबियत खराब होने के कारण नौकरी छूट गई। रेणु ने बताया हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई। लेकिन कुछ महीनों के बाद दोनों की मेहनत से जिंदगी फिर पटरी पर आ गई। पति चाट का ठेला लगाता और मैं दूसरे के घरों में काम करती।
मगर कुछ महीनो बाद ही पति ने शराब पीनी शुरू कर दी। काम में भी मन लगाना बंद कर दिया। मेरी कमाई पर नजर रखने लगा, मारपीट करने लगा। मेरे चार बच्चे हुए। इलाज ठीक से न मिलने के कारण एक बेटे की मौत हो गई। मगर पति को कोई फर्क नहीं पड़ा। सारे ससुराल वालों ने मिलकर मुझे मारने की कोशिश की। मगर मैं किसी तरह बच गई। मैं घर से भाग गई। लोगों ने कहा रेणु अपने बच्चों को छोड़कर भाग गई। मेरे चरित्र पर सवाल उठे। मगर मैं क्यों भागी इसे जानने की कोशिश किसी ने नहीं की।
कुछ महीनो बाद मैंने दोबारा काम शुरू किया। इस बीच मेरी मुलाकात अमित नाम के लड़के से हुई। अमित पढ़ाई कर रहा था। हम साथ रहने लगे। मैं उसका पूरा खर्चा उठाती थी। चार साल बिना शादी के रहे फिर 2011 में हमने शादी कर ली। वह मेरे परिवार से मिलता मगर अपने परिवार से कभी नहीं मिलाया।
अमित ने मुझसे यह भी कहा कि अगर मेरे मां बाप मेरी दूसरी शादी करवाना चाहें तो करने देना, मैं तुम्हें कभी तकलीफ नहीं दूंगा। मुझे लगा इसकी नौकरी लग जाएगी तो वह मेरा ख्याल रखेगा।
8 फरवरी को मेरे ससुराल वाले मेरे घर आए और डराया धमकाया। कहा मैंने उनका लड़का गायब कर दिया है। पुलिस के पास मामला पहुंचा। पुलिस ने मुझे और अमित को साथ रहने की मंजूरी दे दी। मगर कुछ दिनों बाद अमित ने मुझे मारना पीटना शुरू कर दिया। एक दिन तो मिट्टी का तेल डालकर जलाने की कोशिश की। वह दूसरी शादी करना चाहता है। अब मैंने उस पर केस किया है। मुकदमे में 498 ए की धारा के तहत मेरे पति द्वारा मुझे मारने और धमकाने, 323 की धारा के तहत जानबूझकर मुझे चोट पहुंचाने, धारा 506 के तहत मुझे जान से मारने की कोशिश की धाराएं दर्ज हैं। लेकिन अब मैं न्याय चाहती हूं। मैंने सात साल अपनी कमाई और जिंदगी अमित पर गंवाई है। अगर वह तलाक चाहता है तो मुझे हर्जाना दे।