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सरकारी स्वास्थ्य योजना की ज़मीनी हकीकत

26-12-14 Kshetriya Lucknow - Sahyog Prog for webलखनऊ। सहयोग नाम की संस्था ने 23 दिसम्बर को गोमती नगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें सहयोग और उसकी साथी संस्था के द्वारा सात जिलों में किए गए एक सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई।
सहयोग स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करने वाली संस्था है। ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस विषय पर गांव की महिलाओं के साथ मिलकर सर्वे किया गया। सात जिलों की सौ ग्राम पंचायतों में हुए इस सर्वे के आंकड़ों के अनुसार प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं को समुदाय स्तर पर मिलने वाली सेवाएं बहुत सीमित हैं। ब्लड प्रेशर नापने की सुविधा का हाल तो और भी बुरा है। सौ में से केवल दो गांवों में ही यह सुविधा मौजूद थी। गर्भावस्था के दौरान सबसे ज़्यादा ज़रूरी खून की जांच, वज़न की जांच, खतरे के लक्षण की पहचान और रेफर तथा परामर्श जैसी सुविधाओं की स्थिति खराब है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुख्य प्रबंधक डॉक्टर राजेश झा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस को बेहतर करने के लिए प्रयास हो रहे हैं। ऐसे सर्वे से सरकार को भी हकीकत का अंदाज़ा होता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य जांच ब्यूरो के पी.एन. पाठक ने कहा कि इस प्रकार के आंकड़ों पर केन्द्र सरकार की नज़र रहती है और स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जाते हैं।