खबर लहरिया बुंदेलखंड ललितपुर जिले के खटौरा गांव में पांच साल से नहीं हुआ मनरेगा में काम, लोग पलायन को मजबूर

ललितपुर जिले के खटौरा गांव में पांच साल से नहीं हुआ मनरेगा में काम, लोग पलायन को मजबूर

जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव खटौरा  में पांच साल से नइ भओ मनरेगा को काम। आदमी पलायन करबे के लाने मजबूर हे। आदमियन को केबो हे के प्रधान हमे काम नइ दे रए। उनके अनुसार पांच साल से इते कोनऊ काम नइ भओ गरीब आदमी परेशान हे।जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव खटौरा खटौरा गांव में पांच साल से नइ भओ मनरेगा को काम। आदमी पलायन करबे के लाने मजबूर हे। आदमियन को केबो हे के प्रधान हमे काम नइ दे रए। उनके अनुसार पांच साल से इते कोनऊ काम नइ भओ गरीब आदमी परेशान हे। अवध राय ने बताई के जॉब कार्ड हे लेकिन फिर भी काम नइ  मिलत। अब जब सब जने मिल के केबे तब हे हमाय अकेले केबे से का हो रओ। हमाय तीन मोड़ी मोड़ा हे एक आंखन से हीन हे एक पांव से हीन हे इन्हें को खबा हे। अब बाहार जा रए दिल्ली अबे खेती किसानी को कछू काम हे नइया हर कछू के लाने रुपइया चाने परत किते से लेयाय। देसपत ने बताई के दो साल से काम नइ मिलो हमे दिल्ली पंजाब से मजूरी करके लेयात। हमने मांग भी करी लेकिन देत ही नइया आदमी बाहार जा रओ मजूरी करबे के लाने एक दो महीना करत उते काम और अपने रुपइया लेयात फिर आ जात फिर चले जात। बीडीओ ने बताई के एसी कोनऊ मांग इते नइ आई अगर कोऊ एसो हे और काम करबो चाहत तो ग्राम पंचयात कार्यालय में सचिव को और विकास कार्यालय में अधिकारी को लिखित देबे। बाए काम मिल हे पंद्रह दिन में काम दओ जेहे और अबे तक हमाय संज्ञान में नइ हतो जो अब जाकी हम जांच करा लेहे। जब हमाई रिपोर्टर प्रधान के पास गयी जाकी जानकारी लेबे के लाने तो उन ने कछू भी बता बे से मना कर दई।

रिपोर्टर- सुषमा

10/08/2017 को प्रकाशित