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राज्य में अब भी कुपोषण है गम्भीर मुद्दा

kuposhan for webलखनऊ। 11 मार्च को विधानसभा के सत्र के दौरान राज्य के प्राथमिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चैधरी को मानना पड़ा कि उत्तर प्रदेश में अब भी बयालिस प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं।
भाजपा के गोरखपुर विधायक डाक्टर राधा मोहनदास अग्रवाल ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की नियमित रूप से कुपोषण के लिए मेडिकल जांच होती है या नहीं। इसके जवाब में मंत्री चैधरी ने ये तो माना कि लाखों बच्चे कुपोषित हैं पर साथ में ये भी कहा कि पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच लगभग छियत्तर लाख बच्चों की जांच की गई थी और उनके वज़्ान और कद के रिकाॅर्ड बनाए गए थे।
हालांकि राज्य के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग कमियां हैं – फैज़्ााबाद में पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं है, महोबा में सबला योजना में काम ठप पड़ा है और चित्रकूट और बांदा में आंगनवाड़ी केंद्रों पर रिकाॅर्ड नहीं बनाए जाते, फिर भी मंत्री चैधरी ने कहा कि कुपोषण कम करने के लिए राज्य पोषण मिशन के तहत काम किया जा रहा है।