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मानसून सत्र: नरेंद्र मोदी सरकार आज अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगी

साभार: विकिपीडिया

पिछले चार साल में आज पहली बार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा स्पीकर सुमित्र महाजन ने टीडीपी और विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया था।

18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों, और दलितों अनुसूचित जातियों के लिए कमजोर कानून के मुद्दे को लेकर नोटिस स्वीकार किया।

तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के केसीनेनी श्रीनिवास लोकसभा में आज अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे।

नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) के पास 533 सदस्यीय लोकसभा में 312 सदस्य हैं, जो 266 के आधे से अधिक हैं। एनडीए का ये आंकड़ा अविश्वास प्रस्ताव की चुनौती के लिए आवश्यक है।

बता दें कि सभी विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर रही हैं। एआईएडीएमके और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने साफ संकेत दिया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव में नहीं रहेगा।

जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने सभी सांसदों को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने के लिए व्हीप जारी कर चुका है।

वहीं, शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अपनी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से शिवसेना का रुख सरकार के प्रति काफी तल्ख रहे हैं।

जबकि दूसरी तरफ, 18 सांसदों के साथ लोकसभा में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने पार्टी का फैसला अपने अध्यक्ष नवीन पटनायक पर छोड़ दिया है।

बता दें कि आज होने वाली चार्चा के लिए भाजपा को तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है, जबकि कांग्रेस में 38 मिनट, एआईएडीएमके को 29 मिनट, टीएमसी को 27 मिनट, बीजेडी को 15 मिनट, शिवसेना को 14 मिनट, टीडीपी को 13 मिनट और टीआरएस को नौ मिनट का समय दिया जाएगा।

इस बीच, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के आंकड़े कमज़ोर हैं और सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव लगाना गलत था।