खबर लहरिया बुंदेलखंड महोबा के बजरिया में ​नौकरी न मिलने पर आमरण अनशन

महोबा के बजरिया में ​नौकरी न मिलने पर आमरण अनशन

जिला महोबा, गांव बजरिया, 21 दिसंबर 2016। बजरिया सिंचाई विभाग के सामने 5 दिसंबर से आमरण अनशन पर बैठी थी। पर ललिता सिंह की हालत खराब होने के कारण उप प्रभागीय न्यायाधीश (एस.डी.एम) प्रबुद्ध सिंह और मंडल अधिकारी (सी. ओ) विनोद सिंह ने उनकी मांग को देखने की बात कहकर उनका आमरण अनशन 8 दिसंबर को तुडवाया। ललिता अपने पति ओमकार सिंह की नौकरी की मांग कर रही हैं। उनके पति की नौकरी सिंचाई विभाग में थी पर 1980 में लगी इस नौकरी में उन्होंने 240 दिनों तक काम किया और फिर विभाग के दो डिविजन को आपस में मिलने के कारण कार्यचारियों की संख्या कम कर दी गयी। पर उन्हें ये आश्वासन दिया था कि कुछ समय बाद उन्हें काम पर ले लिया जाएगा। ये आश्वासन आज तक पूरा नहीं हुआ है, जिसके कारण ललिता ने आमरण अनशन शुरु किया।

ललिता ने पति की नौकरी के लिए कई विभागों के चक्कर काटे हैं। पर कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। ललिता का आरोप हैं, “उस समय 45 लोगों को नौकरी से निकला गया था। पर उनमें से कई ऐसे लोगों को रख लिया गया हैं, जिन्होंने एक हफ्ता भी काम नहीं किया था। मेरे पति ने 240 दिन काम किया पर इन्हें काम पर वापस नहीं लिया गया।”

ललिता आज अपने पति की नौकरी की मांग कर रहीं हैं, साथ ही इस मामले की जांच करवाने की बात कहती हैं। वहीं दूसरी ओर एस.डी.एम प्रबुद्ध सिंह का कहना हैं, “अन्य नियुक्तियां हाई कोर्ट के आदेश के कारण हुई हैं और अगर इन्हें भी हाई कोर्ट से ऐसा कोई आदेश मिला हैं, तो उनके पति की भी नियुक्ति हो जाएगी।”

इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विशम्बर सिंह का कहना हैं, “उनके पति की नियुक्ति न्यायालय में विचाराधीन हैं और जब तक न्यायालय इस पर कोई फैसला नहीं लेती तब तक कुछ नहीं हो सकता।” वह अन्य नियुक्तियों पर न्यायालय के आदेश आने की बात कहते हैं।

रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति

19/12/2016 को प्रकाशित